10 एकड़ में तैयार होगा बगीचा, चूड़ी वाले से चूड़ी पहनती मां की मूर्ति भी होगी स्थापित
टेंपल कमेटी की ओर से प्रशासन को दिया गया प्रस्ताव, सर्व आदिवासी समाज की भी हो चुकी हैं कई बैठक
रमणीक स्थान बनाने की कवायद में लगी टेंपल कमेटी, राजस्व विभाग ने जगह को किया सुरक्षित
मां के मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा आज भी मिलते है चूड़ी के टुकड़े पर अब वह विशेष पत्थर का रूप में हो गए परिवर्तित
दंतेवाड़ा। 800 वर्ष से अधिक निर्माण शक्तिपीठ के मंदिर को हो चुके हैं। 52 शक्तिपीठों में से एक मां दंतेश्वरी के इस मंदिर से जुड़ी किवदंती सामने आती ही रहती है। एक और मां से जुड़ा अनझुआ पहेलू सामने आ रहा है। नगर में प्रख्यात एक मोहल्ला चूड़ी टिकरा के नाम से जाना जाता है। जब इस नाम के पीछे का इतिहास खंगाला तो इसका सीधा सवंध मां से निकला। वयोवृद्ध, मंदिर के प्रधान पुजारी और सर्व अदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष ने कहा वाकई में नगर में स्थित चूड़ीटिकरा जगह बहुत ही पावन है।
इस जगह को लेकर कई बार प्रशासन से चर्चा हुई। तत्कालीन कलक्टर सौरभ कुमार के समय भी जगह को चिन्हांकित करने के लिए कमेटी के सदस्यों ने प्रस्ताव रखा। लेकिन इस पर पहल नहीं हो सकी। इस बार कलक्टर दीपक कुमार सोनी ने इस कार्य को करवाया है। मां दंतेश्वरी को उस जगह को चिन्हाकित कर दिया गया है। यह करीब 10 एकड़ जमीन है।
प्रधान पुजारी हरेंद्रनाथ जिया बताते है चूड़ीटिकरा पावन स्थान है। मां दंतेश्वरी से सीधा सवंध है। यहां मां नदी के किनारे भ्रमण करने के लिए आई थी। इसी दौरान एक चूड़ी बेचने वाला निकला। उन्होंने उसको रोका और कहा चूड़ी पहना कर जाओ। मां को उसने चूडिय़ा पहनाईं। चूड़ी पहनाने के दौरान जो चूडिय़ा टूटी वे इस स्थान पर पड़ी रही। यही वजह है कि इस स्थान को चूड़ी टिकरा के नाम से जाना जाता है। अब भी ये चूडिय़ा कई लोगों को मिलती है और मिली भी है। ये चूडिय़ां कांच के रूप में नहीं वल्कि विशेष पत्थरों के रूप में परिवर्तित हो चुकी है। इस विशेष स्थान को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए कमेटी से प्रस्ताव भी भेजा गया है। फिलहाल जगह को चिन्हांकित कर लिया गया और सुरक्षित भी प्रशासन ने कर दिया है। राजस्व विभाग की टीम ने निरीक्षण कर इस जगह में पोल भी गड़वा दिए हैं।

मां के इस स्थान को ये है डवलप करने का बड़ा प्लान
मां के नाम 10 एकड़ भूमि को सुरिक्षित कर दिया गया है। भक्तों और श्रद्धालुओं को आने वाले समय में एक और रमणीक स्थान के दर्शन होगें। हालांकि अभी इसके लिए समय सीमा निश्चत नहीं हुई है। मां के इस स्थान को डवलप करने का बड़ा प्लान है। पुजारी बताते है कि इस भूमि में बगीचा तैयार किया जाएगा। इसी बगीचे में उस स्थान को चिन्हत किया जाएगा, जहां मां ने चूड़ी वाले से चूडिय़ां पहनी थी। यहां एक मंदिर का निर्माण होगा। इस मंदिर की विशेषता मां को चूड़ी पहनाते मूर्ति स्थापित होगी। जिससे लोगों को पता चले कि दंतेश्वरी मां का सवंध इस जगह से क्या है?
नवरात्रि पर सजेगा चूडिय़ों का बाजार
इस पावन स्थान के डवलप होने के बाद एक और बड़ा प्लान टेंपल कमेटी के सदस्यों का है। चूडिय़ों को लेकर इस स्थान की मत्त्वता है। इस लिए मंदिर में नवरात्रि के विशेष पर्व पर चूडिय़ों का बाजार लगाने की भी प्लानिंग है। यहां जो भी श्रद्धालू आएं, मां के प्रसाद के रूप में चूडिय़ां लेकर जाएगें। प्रधान पुजारी हरेंद्रनाथ जिया कहते है मां दंतेश्वरी का भक्तों के लिए यह बड़ा आर्शीवाद होगा। जो महिलाएं मां के इस प्रसाद को ग्रहण करेंगी, उनके घर सुख, शांति और समृद्वि के साथ पतियों को लंबी उम्र का आर्शीवाद सदा रहेगा।

टेंपल कमेटी से प्रस्ताव पर चूड़ी टिकरा में मां से जुड़ी जमीन का चिन्हाकन कर लिया गया है। करीब 10 एकड़ जमीन को सरक्षित किया गया है। इस जमीन के चारों ओर फिलहाल सीमेंट पोल गड़वा दिए गए है। आगे की प्लानिंग पर विचार किया जा रहा है। दंतेवाड़ा मेें बारसूर,कटेकल्याण और गीदम के आलावा भी कई जगह माईं जी की जमीन है।
-अबिनाश कुमार,एसडीएम दंतेवाड़ा

चूड़ीटिकरा पावन स्थान है। यहां दंतेश्वरी मांई का चूडिय़ो पहनने से जुड़ा सवंध है। सर्वअदिवासी समाज की इस विषय को लेकर कई बार बैठक हो चुकी है। अभी हाल ही में जगह को चिन्हाकित कर दिया गया है। मंदिर निर्माण पर भी चर्चा हो रही है। बेहद रमणीक स्थान के रूप में इसे डबलप करने की प्लानिंग हो रही है।
-सुरेश कर्मा, सर्व आदिवासी समाज जिला अध्यक्ष
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