संपादक हमीद सिद्दीकी के साथ विशेष संवाददाता पुष्पेंद्र सिंह की बस्तर क्रांति के लिए आईएएस अबिनाश मिश्रा का रूबरू
एक छोटे से गांव में रहने वाला लडक़ा समाज सेवा का जुनून लिए यूपीएससी की तैयारी करने में जुट गया। पिता को लोगों की छोटी-छोटी जरूरत को पूरा करते देख रहा था। उनसे तालीम तो मिल रही थी, लेकिन उस बड़े स्तर पर लोगों की मदद नहीं हो पा रही थी। मैंने किसी से कुछ नहीं कहा, मन में ठान लिया आईएएस बन कर ही सच्ची समाज सेवा का रास्ता प्रशस्त होगा।
बीटेक करने के बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गया। दो प्रयास असफल रहे पर तीसरे में सफल हो गया। जिस जुनून के साथ यूपीएससी फाईट करने उतरे थे, उस पर विजय हुई। धैर्य और कठिन परिश्रम से फतेह करना किसी के लिए भी मुमकिन है। बस आप डरे नहीं और खुद से हारे नहीें। यह अधिकारी कोई और नहीं अपनी पावन धरा मां देतेश्वरी के नगर में अपनी सेवाएं दे रहा है। इस अधिकारी ने मदद की है। कोरोना काल में राज्य में ही नहीं पूरे देश में लोगों की मदद की।

बेबसाइट के जरिए लोगों को जोड़ा, उनकी जरूरतों का हल तत्काल हुआ। ये देश का वो दौर था, जब लोग महामारी से बेहताशा परेशान जानते है दंतेवाड़ा के विषय में इस अधिकारी क्या सोच है? किस तरह से विकास केे पथ पर दंतेवाड़ा दौड़ेगा?
सवाल: आप का कहा के रहने वाले? प्राथमिक शिक्षा कहां से हुई? क्या पढ़ाई के दौरान आर्थिक तंगी का सामना करन पड़ा?
जवाब: मैं ओडिशा का रहना वाला हूं। मरे पिता एलआईसी में थे। मां शिक्षिका थी। मैंने गांव बरगड़ से ही सरकारी स्कूल से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की है। इसके बाद हाई स्कूल और इंटमीडिएट भी सरकारी स्कूल से अच्छे नंबरों से पास किया। मां-पिता ने कभी पैसे की तंगी तो नहीं आने दी। इस लिए ये कहना गलत होगा। पढने में अच्छाा था तो आगे की पढ़ाई भी आसान ही रही। बीटेक आईटी खडग़पुर से किया।
सवाल: पढाई के दौरान दंतेवाड़ा की मन मष्तिक में कैसी तस्वीर थी?
जवाब: दंतेवाड़ा को लेकर वाकई में तस्वीर गलत थी, जिस तरह की कहानी बाहर निकलती है, उससे ठीक उलट है। दंतेवाड़ा बेहद शांत और सालीन है। यहां के लोग भी बहुत अच्छे है। अब दंतेवाड़ा को दिशा मिल रही है, जिससे वह विकास के पथ पर दौड़ रहा है। प्रशासन आदिवासियों और यहां रहने वाले लोगों को रोजगार से जोड़ रहा है। बहुत कुछ बदल रहा है, आगे बेहद संभावनाओं के साथ और भी बेहतर कार्य किए जा रहे हैं।
सवाल: दंतेवाड़ा को विकास केे पथ दौड़ाने के लिए और क्या-क्या किया जा सकता है? अभी दंतेवाड़ा को आर्थिक गति देने के लिए और क्या प्रयास हो रहे हैं?
जवाब: यहां की महिलाएं बहुत मजबूत है। दंतेवाड़ा अभी जिस रफ्तार से विकास के पथ पर है, वो काबिले तारीफ है। दंतेवाड़ा तो वैसे भी वन संपदा से परिपूर्ण है। वनोपज पर काम हो रहा है। इस काम में अधिकांश महिलाएं ही लगी हुई है। डेनक्स व्हाईट अमचुर तैयार हो रहा है। कलक्टर साहब के अथक प्रयासों को महिलाएं साकार करने में लगी हुई है। लोगों स्वारोजगार से जोड़ा जा रहा है। युवा वर्ग भी दंतेवाड़ा के विकास के लिए अब कंधे से कंधा जोड़ कर खड़ा है।

सवाल: बारसूर में डेनेक्स गारमेंट़्स फैक्ट्री-2 से कितनी संभावनाएं है? यहां क्या अंदरूनी इलाके की महिलाओं को जॉब मिलेगा।
जवाब: डेनेक्स गारमेंट्स फैक्ट्री-2 की शुरुआत हो चुकी है। गीदम मेें सफल संचालन से प्रशासन से इस दिशा में कदम बढ़ाया है। इस फैक्ट्री से अंदरूनी इलाके की महिलाओं को मजबूत करने का प्लान है। कोशिश तो ये है जो दिशा से भटकी महिलाएं या फिर यूं कहें मुख्यधारा से किसी कारणवश नहीं जुड सकी, उनको यहां रोजजगार दिया जाए। इसके साथ ही नदी पार की उन महिलाओं को जॉब देने की तैयारी है, जिन्हें बाहर की दुनिया+ एक सपने की तरह लगती है। इसके लिए प्रशासन पूरी तैयारी कर रहा है। बड़ी संभावनाओं के साथ डेनेक्स गारमेंट्स फैक्ट्री-2 को लॉंच किया गया है।
सवाल: आप एसडीएम जैसे पद पर आसीन है, जहां लोगों की समस्याओं का निराकरण करने में समय गुजर जाता है। इस व्यस्त सेवा के बीच से अलग से काविड के दौर में समाज सेवा का रास्ता निकाल और बेबसाइट लांच की। कैसे किया और किस तरह से लोगों को लाभ मिला।
जवाब:अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक अनूठी पहल की। डिजिटल क्रांति से लाभ पहुंचाने का काम किया था। जो आज भी जारी है। इस बेबेसाइट को लांच करने की जरूरत इस लिए पड़ी कि कई नजदीकियों को दुनियां से यूं ही असमय ही रुखसत होते देखा। कोविड काल में लोगों की मदद के लिए फाइट कोविड डॉट ऑनलाइन बेबसाइट को लांच किया है। इसमें कोविड के मरीजों की मदद का हर संभव हल करने का प्रयास किया जा रहा है।
पूरे देश में इस बेबसाइट के पांच लााख विजिटर उस दौरान थे, आज तो और भी ज्यादा है। अहम बात ये है कि भाषा की भी समस्या नहीं है। किसी भी भाषा में बात करने पर मरीज की समस्या का निराकरण किया जा रहा है। गेट प्रॉपर एंड फ्र ी मेडिकल काउंसलिंग फ्रॉम दि वेस्ट डॉक्टर सेंड अस मैसेज ऑन मो. 9111899909 यही वो नंबर है जिस पर कोई भी कोविड का मरीज या उनके परिवार के लोग मैसेज कर सकते हैै। हमारा उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचाना है। भारत को जरूरत है इस दौर में, मदद के लिए सैकड़ों लोग खड़े हो रहे हैं। हम सेवा के लिए आए और सेवा ही धर्म है।
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