शाला प्रवेशोत्सव का जश्न मनाने दो किमी पैदल चलकर कलक्टर भांसी के मासापरा पहुंचे
बच्चो को कॉपी किताब देकर कलक्टर ने उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
दंतेवाड़ा। जिले के अति संवेदनशील क्षेत्र भांसी के मासपारा में शाला प्रवेशउत्सव बड़े जश्न के साथ मनाया गया ।इस उत्सव की खास बात यह रही कि कलेक्टर दीपक सोनी भी खुद को नौनिहालों के बीच जाने से खुद को रोक नही सके।इस स्कूल को 2015 में इसी पंचायत के नक्सल संघटन से जुड़े लोगों ने ध्वस्त किया था ।2020 में शासन की योजनाओं से प्रभावित होकर मुख्य धारा से जुड़ गए ।

समर्पित नक्सलियो ने प्रशासनिक अधिकारियों के सामने 2015 में की गई गलती को सुधारने की बात कही उन्होंने कहा जिस स्कूल को हमने तोड़ा था अपने ही बच्चो को पढ़ाई से वंचित कर दिया था उसे एक बार फिर अपने ही हाथों से शिक्षा के मंदिर को मूर्त रूप देने की इच्छा जताई।
इस पर कलेक्टर सोनी ने बड़े हर्ष के साथ समर्पित नक्सलियो के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी ।महज 3 माह में ही इस स्कूल को तैयार कर दिया।यहाँ पढ़ने वालों में पंचायत एवं पारा के बच्चे तो है ही खास बात यह है कि इन समर्पित नक्सलियो के बच्चे भी इसी स्कूल में भविष्य गढ़ेंगे।

जिले के तमाम हाई प्रोफाइल स्कूलों को छोड़ कर कलेक्टर दीपक सोनी अंदुरनी इलाके के इस स्कूल में पहुचे ।साधन स्कूल तक न पहुचने की वजह से उन्हें दो किलोमीटर दूर वाहन खड़ा कर उबड़ खाबड़ पथरीले रास्ते से होकर बच्चो के साथ प्रवेश उत्सव का जश्न मनाया। बच्चो को कॉपी किताब भेंट कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की ।
पहली बार कोई अंदुरनी इलाके में प्रवेश उत्सव मनाने पहुचे कलेक्टरइस स्कूल में 2015 के बाद से पढ़ाई नही हो रही थी ।हालांकि यहां की दर्ज संख्या 55 है लेकिन दूसरे स्कूल में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे ।इन सभी तथ्यों को जानकर खुद कलेक्टर अंदुरनी इलाके में पहुचे ।पहली बार जिले का कोई कलेक्टर है जो अंदुरनी इलाके में प्रवेश उत्सव का जश्न मनाने पहुचा।सुरक्षा की रही तगड़ी व्यवस्थाअंदुरनी इलाके में कलेक्टर के पहुचने को लेकर सुरक्षा की व्यवस्था चाक चौबंद की गई थी ।एसडीओपी देवांश राठौर स्वं मौजूद रहकर सुरक्षा की कमान संभाल

कर रखी थी ग्रामीणों ने मांगी सड़क ,आंगन बाड़ी मासा पारा में पहुचे कलेक्टर को अपने बीच पाकर ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई ।इस मौके पर कलेक्टर को पंचायत की कई मूलभूत समस्याओं को रखा ।जिस पर कलेक्टर ने जल्द से जल्द समाधान करने का अस्वाशन दिया। ग्रामीणों ने कलेक्टर से आंगनबाड़ी एवं सड़क निर्माण की मांग की इस पर कलेक्टर ने दो टूक शब्दों में कहा कि इस पंचायत के सारे काम स्वीकृति मानो।
समर्पित नक्सली ने बताया कब कैसे क्यों तोड़ दिया था स्कूल 2015 में तोड़े गए स्कूल को मरम्मत कर दोबारा इमारत खड़ी करने वाले समर्पित नक्सली संतो कुंजाम ने बताया कि 15 हथियार बंद नक्सली पहुचे थे उन्होंने गांव के नक्सली संगठन से जुड़े लोगों को बुलाया और सब्बल ,गैती फावड़े से स्कूल को ध्वस्त करने को कहा ।। स्कूल तोड़ने से मना करने के बाद भी जब हथियार बंद नक्सली नही माने तो तोड़ दिया स्कूल ।अब स्कूल दोबारा बनाकर अच्छा लग रहा है ।
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