राजनैतिक वरदहस्त और पुलिस संरक्षण में जुआ व सट्टा का धंधा
मां दंमेश्वरी की पावन धरा पर ये अपावन धंधा, सरकारें बदल गई, धंधे की गति कम नहीं
खिलाने और खेलने वाले जानते है गलत है, फिर भी कहते है क्या करें गंदा है पर धंधा है
दंतेवाड़ा। हाल ही में कुछ दिनों पहले पीएचक्यू में हुई सीनियर अफसरों की बैठक में कई कड़वी बातों से पुलिस कप्तानों को दो-चार होना पड़ा। इसके बाद भी जिले में जुए और सट्टे पर लगाम नहीं लगी। मां दंतेश्वरी की पावन धरा पर ये अपावन धंधा राजनैतिकवरदहस्त और पुलिस संरक्षण में होना बताया जा रहा है। सरकारें बदल गई, पर ये धंधा उसी गति से दौड़ रहा है। जुआ सट्टा खेलने वाले ओर खिलाने वाले दोनों को भान है कि ये गलत है। लेकिन इसके बाद भी कहते है कि क्या करें गंदा है पर धंधा है। इस तरह की शब्दावली दर्शाती है कि जिले में पुलिस की कानून व्यवस्था कितनी सुदृढ़ है। दावा यह भी किया जाता है कि राजनैतिक वरदहस्त और पुलिस संरक्षण में ही यह धंधा फलता और फूलता है। मां दंतेश्वरी की पावन धरा में धड़ल्ले से चल रहे गंदे धंधे पर पुलिस भी अंकुश नहीं लगाती है।
घरों का उजड़ता सुख चैन, परेशान होती है महिलाएं
इस गंदे धंधे में अधिकांश पुरुषों का संलिप्तता रहती है। कई घरों को जुए ने सडक़ पर ला दिया है। सुख चैन से बसर करने वाले घरों में भी जुआ और सट्टा ने आग लगा देता है। महिलाए और बच्चे परेशान हो जाते है। कई बार ऐसी ही कलहों को चलते मामले थाना और अदालत तक पहुंचते हैं। एसा कई बार हुआ है। इसके बाद भी कानून व्वस्था इस धंधे पर कड़ा रुख इख्तयार करने की कोशिश ही नहीं करती है।
पूरे प्रदेश भर में बने थे यह विवाद चर्चा के विषय
मां की पावन धरा के दो विवादों का जिक्र करते है, जिनका अपयश पीएचक्यू और सरकार तक पहुंचा था। भले ही कुछ साल गुजर गए। जिले के एएसपी रहे एक आईपीएस तो एसआई और एएसआई स्तर के अपने कर्मचारियों से सट्टे को लेकर इतना खफा हुआा था कि उसने उनके साथ मारपीट तक कर दी थी। यह मामला खूब तूल पकड़ा। मामले की शिकायत आयोग स्तर तक गई। लेकिन किसी तरह अधिकारियों ने मामले को शांत किया। दूसरा प्रकरण लौहनगरी बचेली का है। यहां जुए का करोबार पुलिस सरपरस्ती में चल रहा था। एसडीओपी को भनक लगी कि थाना पुलिस के संरक्षण में जुआ चल रहा है। सटीक सूचना के आधार पर एसडीाओपी ने कार्रवाई कर दी। छापे मारी में करीब 20 लाख रुपए जब्त किया और कुछ जुआरियों को धरा गया। इस कार्रवाई से तत्कालीन टीआई इतना व्यथित हुआ कि एसडीओपी से बहस कर बैठा। पुलिस अनुशासन को भी भूल गया। यह मामला जब पुलिस कप्तान तक पहुंचा तो टीआई को लाईन अटैच किया गया था।
बचेली की इन महिलाओं के दर्द को समझें
पूजा साव अध्यक्ष नगरपालिका परिषद बड़े बचेली ने पुलिस को जुए और सट्टे को बंद कराने के लिए पत्र सौंपा था। भले ही इस पत्र को एक माह बीत चुका है। इस पत्र ने महिलाओं के दर्द को सामने ला दिया था। करीब एक दर्जन महिलाओं ने टीआई को पत्र सौंपा था। इस पत्र ने उनकी विवशता का चित्रण किया। बचेली थाना प्रभारी को सौंपे इस ज्ञापन ने पूरे जिले के थाना प्रभारियों को एक संदेश दिया। इसके बाद भी आंखे मूंद रखी है। फिर से वही बात गंदा है पर धंधा है..
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